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लेश्या
१. कृष्ण २. नील
३. कापोत
४. तेजस्
पद्म
६. शुक्ल
वर्ण
मेघ की तरह कृष्ण । अशोक की तरह नील ।
अलसी पुष्प की तरह मटमैला |
लेश्याओं के वर्ण, रस, गन्ध और स्पर्श
हिंगुल की तरह रक्त ।
हरिताल की तरह पीत ।
शंख की तरह श्वेत ।
रस
से अनन्त गुना कड़वा |
त्रिकुट से अनन्त गुना तीखा ।
केरी से अनन्त गुना कसैला ।
गंध
पके आम से अनन्त गुना अम्ल- मधुर ।
आसव से अनन्त गुना अम्ल कसैला और मधुर ।
खजूर से अनन्त गुना मधुर ।
मृत सर्प की गंध से अनन्त गाय की जीभ से अनन्त गुना अमनोज्ञ ।
गुना कर्कश ।
स्पर्श
सुरभि कुसुम की गंध से अनन्त गुना मनोज्ञ
नवनीत से अनन्त गुना मृदु ।
पद्धति और उपलब्धि १४३