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________________ जैन योगं मैंने अंतर्दृष्टि के चार लक्षणों की चर्चा की है । यदि ये चार लक्षण विकसित होते हैं तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति में अंतर्दृष्टि का जागरण हो गया है, वह अंतर्दृष्टि-संपन्न हो गया है। ये चार कसौटियां हैं । उसे अध्यात्म की पहली भूमि प्राप्त है और अब वह आगे की भूमिकाओं में जा सकता है, गति कर सकता है | 1 ८८ अंतर्दृष्टि और लेश्या जो व्यक्ति अंतर्दृष्टि से संपन्न होता है उसकी लेश्या भी बदल जाती है । उसका आभा-मंडल बदल जाता है । हम बहुत बार चाहते हैं कि मनुष्य का स्वभाव बदले । उसका चिड़चिड़ापन दूर हो, गुस्सा दूर हो, उसका अप्रिय व्यवहार बदल जाए । यह सब चाहते हैं । किंतु स्वभाव बदलने की बात अपवाद स्वरूप ही प्राप्त होती है । जब तेजोलेश्या का विकास होता है तब स्वभाव में स्वतः परिवर्तन आ जाता है । उस समय उपदेश की आवश्यकता नहीं होती । अध्यात्मदृष्टि का विकास तेजोलेश्या से ही प्रारम्भ होता है । जब तेजोलेश्या प्रकट होती है तब व्यक्ति नम्रता से बर्ताव करता है । वह अचपल, अमायावी और अकुतूहली होता है । वह शान्त, समाधियुक्त, उपधान करने वाला, प्रियधर्मा, दृढधर्मा और मुक्ति की गवेषणा करने वाला होता है । जब तक कृष्णलेश्या रहती है, अंधकार के काले पुद्गल रहते हैं तब तक विचार बुरे बने रहते हैं । आकाश-मंडल में कृष्णलेश्या के परमाणु फैले हुए हैं। बुरे आदमियों द्वारा विसर्जित बुरे विचारों के परमाणु भी आकाशमंडल में व्याप्त हैं । सजातीय सजातीय को खींचता है । कृष्णलेश्या के परमाणु उन बुरे विचारों के परमाणुओं को खींचते हैं। आकाश मंडल में अच्छे परमाणु भी भरे पड़े हैं, शुक्ललेश्या के परमाणु भी व्याप्त हैं, किंतु वे खींचे नहीं जा सकते । जब तक व्यक्ति में कृष्णलेश्या के परमाणु कार्यरत हैं तब तक वे उन्हीं विचारों के परमाणुओं को खींचते हैं जो सजातीय हैं। इस प्रकार बुरेबुरे विचार आते रहेंगे और बुरी आदतों का निर्माण होता रहेगा । जब विचार बुरे हैं तो आदतें अच्छी कैसे हो सकेंगी ? जब तेजोलेश्या का प्रादुर्भाव होगा, लेश्या शुद्ध होगी, तब शुभ परमाणु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002746
Book TitleJain Yog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size10 MB
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