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प्रस्तावना
प्राकृत भाषा का अभ्यास विशेप सुगम हो इस लिये यह 'जिनागमकथासंग्रह' की योजना की गई है और उसको अधिक व्यापक बनाने के लिये हिंदी भाषा का उपयोग किया गया है । संग्रहगत कथाओं की टिप्पणियाँ व शब्दकोश तथा प्राकृत भाषा का साधारण परिचय यह सब को समझने का वाहन हिंदी भाषा है।
मूळ जैन सूत्रों से तथा कथाओं के व सूक्तिओं के जैन ग्रंथों से संग्रहगत सामग्री संगृहीत की गई है। कथायें व सूक्तिये मनोरंजक और बोधप्रद होने के साथ भापा के अभ्यास में भी सहायक होनेवाली हैं। __अभ्यासी को व्युत्पत्ति व शब्द और शब्दार्थ के क्रमविकास का थोडाबहुत ख्याल हो इस दृष्टि से ही कई टिप्पणियाँ लिखी गई है । और कई शब्द के भाव को स्पष्ट करने की दृष्टि से । साथ में उपयुक्त शब्दों का अर्थसूचक कोश भी दिया गया है ।
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