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हसिस, हसिनृण, हसेतूण, हसितगं, हसेतूणं, हरितुआण, हसिनुआणं, हसेतुआण, हसेतुआणं । और व्यंजनप्रयोग संबंधी नियम १ के अनुसार त् का लोप करके भी रूप समझना । जैसे हसिऊण, हसेऊण इ०
कर्ता सूचक कृदंत धातुके अंगको इर प्रत्यय लगानेसे उसका कर्तृसूचक कृदंत हो जाता है । हस्-इर = हसिर (हसनारा)
नोंध:-यहां मात्र प्राकृत भापामें प्रवेशके लिये वर्णविकार के सामान्य नियम, नाम और धातुके साधारण रूपाख्यान और कदंतके मोटे मोटे उदाहरण दिये गये हैं। अधिक जिज्ञासु हमारा विद्यापीटप्रकाशित प्राकृत व्याकरण देख लेवें ।
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