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वरमऊरी -(वरमयूरी ) उत्तम वायाइव - (वाताविद्ध) पवन मोरनी।
से डगमगता हुआ । वरिसारात-(वरात्र ) भाद्र- वायाबन्धं -( वाचावन्धं )
पद और आश्विन मास । वचन से बद्ध होना । वरेलिया-(वृता) वरी हुई। वायाहययं - ( वाताहतकम् ) ववरोवेजा -(व्यपरोपयेयम् ) वायु से सूखा हुआ। जान से मारूं |
वारो-(वारफ:) वारी । वसहीपायरासहिं -(वसति- बाल-(व्याल) व्याघ्र आदि
प्रातराशः) मुकाम और जंगली जानवर ।
सुबह के नास्ते से | वाहलिया - (दे०) क्षुद्र नदी चसहेण -(वृपभेण) बैल के -प्रवाह ।। [साथ ] |
विउसाणं - (विदुपाम् ) विद्वानों वंजणाहिलावो-(ध्यजनामि- के।
लापः) व्यंजनों का उच्चारण। विधायइ-(विकीयते) विकता वाउलस्स- ( व्याकुलस्य ) है ।। ध्याकुल का।
विकिणइ - ( विक्रीणाति ) वाउलिया- ( वातावल्या ) बेचता है।
पवन का झपाटा । विक्खिरेज्जा -(विकिरेत) अलग वाडि -(धृति) वाड ।
अलग कर दे। वाउल्लयं-(दे० वाउलया) विगया --(वृकाः) वरू । पुतली ।
विज्झाए - (विध्याते) शान्त वाणारसी --- (वाराणसी) बना- होने के बाद ।
रस । देखो म. म. नी विढप्पड - (दे०) पैदा करता धर्मकथाओ' का कोश |
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