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लेण - (लयन) पहाड में . खुदे हुए पत्थर के घरों में । लेस्लाहिं - देखो टि. २५.
लोहएहि-(दे०) हाथी के
बच्चे के साथ [तृतीया
बहुवचन] । लोमहत्थगं- (लोमहस्तकम् )
रोमों का बना हुआ झाडू।
वइत्तए - ( वदितुम् ) कहने
के लिये। वक्खित्तस्य --- (व्याक्षिप्तस्य)
व्याक्षिप्त का। वग्गूहि-(वाग्भिः ) वचनों से । वञ्चइ -(ब्रजति) जाता है। प्वच्छ -- (वृक्ष) पेड ।। वच्छे-(वक्षसि ) छाती में । वहिज्जासि -(वर्तथाः) [तू]
वर्तन करना । वडो--(बडः; वृद्धः) वडा । वडावए -(वर्धापकः) बढाने
वणकरेणु -( वनकरेणुविविध
दत्तकजप्रसवघातः) जिस पर वन की हथानिओंने भनेक तरह से कमल के फूल का प्रहार दिया है,
ऐसा । वत्तेज्जासि -(वर्तेथाः) वर्तन
फरें। वस्थजुयल - देखो टि. ४०। वत्यवस्स- (वास्तव्यस्य)
रहनेवाले का । वस्थारुहणं - (वस्त्रारोपणम् )
देव को कपडा चढाना । वन्नारुहणं - (वर्गारोपणम्)
देव को रंग चढाना । चम्मिय -(वर्मित) आच्छादित किये हुए [कवच
वाले] | वयह -(वदथ ) तुम कहते
हो। क्या - (बजाः) दश हजार
गायों का एक ब्रज होता
वाला ।
वडि-(वृद्धिः) व्याज ।
वयासी-(भवादीत् ) बोला।
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