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पाणियपाए - (पानीयपाये)
पानी पीने के लिये
[निमित्तार्थक सप्तमी । पाणेहिं, भूतेहि - देखो
टि. १९, क. १। पादेउं-(पाययितुम् ) पीने के
लिये।
श्वेत, विशुद्ध, चिकने और सभी प्रकार के दोषोंसे रहित
हैं वह । पाइल्सामि - (पास्यामि)
पीऊंगा। पाउप्पभायाए -- (प्रातःप्रभा
तायाम् ) प्रातःकाल में
प्रमात होने पर । पाउन्भवहः- (प्रादुर्भवत)
हाजिर हो जाभो । पाउवदाई-(पादोपदायिकाम् )
पैर धोने के लिये जल
देनेवाली । पाउस-(प्राप्) वर्षाऋतु
(भाषाढ और श्रावण
मास)। पाडगं - (पाटकम् ) पाडा,
महला । पाडिहारियं-(प्रातिहारिकीम् )
बापिस हो सके ऐसी । पाडुहुएहि~ दे० (प्रतिभू...)
जामिन अर्थात् जमानत देनेवाले ।
पामोक्खं-(प्रमोक्षम् ) उत्तर,
जवाब । पायत्तिया - (पाशतिकाः)
पैदल सिपाही । पायपढिएण - (पादपतितेन)
पैरों में पड़ने से । पायवघंस-(पादपघर्ष ) वृक्षों
का प्रर्षण । पायाविया-(पायिता) पिलाई
पारासरा -- (पराशराः) एक
प्रकार के सर्प । पावति-(प्राप्नोति) पाता है
-पहुंचता है। पावयणं ----(प्रवचनम् ) शास्त्र । पावसियालगा-(पापशृगालकाः)
दुष्ट गीदड ।
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