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दीहियासु-(दीर्घिकासु) सीधी आकृति जैसा जिसका पीठनीकों में ।
भाग है। दुक्कुला-(दुष्कुला) दुष्ट कुल धण्णभरियं-(धान्यभरितम् ) वाली ।
अनाज से भरा हुआ । दुपयस्स- (द्विपदस्य) दो धण्णेसु-(धान्येषु ) धान्य । पैर वाला प्राणी का ।
धसत्ति- (घस इति) 'स' दुरहियासा - (दुरधिसह्या)
अवाज करके । दुःसह ।
धिजाइओ- (द्विजातिकः) दुरुहंति-(दूरोहन्ति) ऊपर
ब्राह्मण । जैन टीकाकार चडते हैं।
ब्राह्मणों पर अरुचि बताने दूरा-(दुरात्) दूर से ।
के लिये इसका प्रतिरूप देउलानि--(देवकुलानि) देव
. 'धिग्जातीयः' -भी बताते मंदिर । देसए -(देशकः) शिक्षा देने ।
धिति-(धृतिम् ) धैर्य । वाला । देसपंते --- ( देशप्रान्ते) देश के
धोयमाणं - (धाव्यमानम् )
धुलवाना। सीमाभाग में । दोच्चंपि--(द्वितीयमपि) दूसरी
नगरगुत्तिया - (नगरगोप्तकाः) दफे भी।
नगर की रक्षा करनेवाले। धणसिरीए - । प्रनाश्रियाः) नगरनिदुमणाणि -(नगरधनश्री के पाद।
निर्धमनानि) नगर के धणुपट्टा - (धनुःपत्राकृति- पाणी निकलने के मार्ग
विशिष्टपृष्टः) धनुष्य की 'गटर'
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