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बजयसि संयामुवलन
मुहाइसकुडुम्नुहिणिवमिलालडिट लुडुपंखुजलगुणनिहियकंड कुटुगमकायस्थरहरियपाण १७२
शीघ्र ही मुट्ठी में लकुटदण्ड ले लिये गये, शीघ्र ही पुंख सहित तीर डोरी पर चढ़ा लिये गये। शीघ्र ही कायरों
के प्राण काँप (थरथरा) गये।
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