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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध- सन्दर्भ 256. शुक्ल, वीरेन्द्र कुमार नलायनम् का समीक्षात्मक अध्ययन मेरठ, 1984, अप्रकाशित 257 शुक्ला, सन्तोष (श्रीमती) विजयवर्णिकृत श्रृंगारार्णवचन्द्रिकायाः समीक्षात्मकमध्ययनम् मेरठ, 1986, अप्रकाशित नि०- डा० उमाकान्त शुक्ल, मुजफ्फरनगर (उ०प्र०) 258. सत्यव्रत जैन संस्कृत महाकाव्यों का अध्ययन राजस्थान, 1972, अप्रकाशित 259. सहलोत, स्नेहलता नरेन्द्रप्रभसूरिकृत अलंकारमहोदधि का अध्ययन उदयपुर, 1992, अप्रकाशित 260. साध्वी, अनुपमा श्री (हर्षा दोमडिया) जैन साहित्य ( 800 ई० से 1200 ई० तक) का अनुशीलन : चरित काव्य के विशेष सन्दर्भ में जोधपुर, 1992, अप्रकाशित 261. साध्वी, दिव्यप्रभा उपमिति भव प्रपञ्च कथा एक अध्ययन राजस्थान, 1988, अप्रकाशित नि०- डा० शीतलचन्द जैन, जयपुर (राजस्थान) C/o श्री नाथूलाल फतेहलाल जी भड़क्त्या, सदर बाजार, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) C/o श्री रणजीत सिंह सियाल, 43, भूपालपुरा, उदयपुर - 313001 262. साध्वी, सौम्यगुणा श्री विधि मार्ग के परिपेक्ष्य में जैन विधि-विधानों का समीक्षात्मक अध्ययन राजस्थान, 2002, अप्रकाशित नि०- डा० शीतल चंद जैन, जयपुर 263. साध्वी, हेमप्रभा 'हिमांशु' जैन स्तोत्र साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन जोधपुर, 71 Jain Education International प्रकाशित (हजारीमल स्मृति प्रकाशन ब्यावर - 305901 (राज0)) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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