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________________ 70 Bibliography of Prakrit and Jaina Research 250. शर्मा, सुबोध चन्द्र सकलकीर्तिकृत पार्श्वनाथ चरित का साहित्यिक अध्ययन बरेली, 1986, अप्रकाशित नि०- डा० रमेशचन्द जैन, बिजनौर संस्कृत प्रवक्ता, आर० जे० पी० कॉलेज, बिजनौर (उ०प्र०) 251. शर्मा, हीरेन्द्र कुमार (लघु प्रबन्ध) दयोदयचम्पूकाव्यस्य समालोचनात्मकमध्ययनम् (संस्कृत) राजस्थान, 1998, अप्रकाशित नि०- डा० शीतल चंद जैन, जयपुर 252. शर्मा, हेमलता वीरोदय महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन बरेली, 1999, अप्रकाशित नि०- डा० रमेश चंद जैन, बिजनौर 253. श्रीवास्तव, गुंजन (श्रीमती) वीरोदय महाकाव्य का काव्यशास्त्रीय परिशीलन लखनऊ, 2002, अप्रकाशित 254 श्रीवास्तव, रंजना (कु०) सत्रहवीं शताब्दी के जैन संदेश काव्य लखनऊ, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० अशोक कुमार 255. शास्त्री, नेमिचन्द्र (स्व०) (डी० लिट्०) संस्कृत काव्यों के विकास में जैन कवियों का योगदान मगध, 1965, प्रकाशित नि०- डा० हीरालाल जैन प्रका० - भा० ज्ञा०, नई दिल्ली प्रथम : 1971/30.00/30 + 683 अ०- (1) संस्कृत काव्य का आविर्भाव और विकास, (2) दसवीं शती तक के चरितनामान्त महाकाव्य (चन्द्रप्रभचरित, वर्धमानचरित). (3) चरितनामान्त महाकाव्य (ई० शती 11-14) पार्श्वनाथ चरित, वरांग चरित, शान्तिनाथ चरित (4) इतरनामान्त महाकाव्य (धर्मशर्माभ्युदय, नेमिनिर्वाण, जयन्तविजय, नरनारायणानन्द, पद्मानन्द) (5) सन्धान, ऐतिहासिक और अभिलेख काव्य (द्विसन्धान, सप्तसन्धान, हम्मीर महाकाव्य, अभिलेख)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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