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Bibliography of Prakrit and Jaina Research
जैन, देवेन्द्र कुमार शास्त्री भविष्यकहा और अपभ्रंश कथाकाव्य आगरा, 1963, प्रकाशित प्रका०- भा० ज्ञा०, नई दिल्ली प्रथम : 1970/20.00/14 + 474 अ०-- (1) अपभ्रंश भाषा- परम्परा और युग, (2) अपभ्रंश साहित्य- सामान्य परिचय, (3) भविसयत्त कहा- एक अध्ययन, (4) अपभ्रंश के प्रमुख कथाकाव्य (5) अपभ्रंश कथाकाव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ, (6) लोक तत्त्व, (7) परम्परा और प्रभाव।
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जैन, धन्नालाल करकंडचरिऊ : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन (सन्दर्भ, वस्तु, शिल्प और भाषा) इंदौर, 1970, अप्रकाशित नि०- डा० देवेन्द्र कुमार जैन, इंदौर
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जैन, प्रेमचन्द अपभ्रंश कथाकाव्यों का हिन्दी प्रेम काव्यों के शिल्प पर प्रभाव वाराणसी, 1969, प्रकाशित 3118, सेक्टर 71, एस० ए० एस० नगर, मोहाली, चंड़ीगढ़-160059 प्रका०- सो० ला० जै० धर्म प्र० स०, अमृतसर प्रथम : ..../50.00/11 + 366 अ०- (1) प्रास्ताविक, (2) हिन्दी प्रेमाख्यानकों का ऐतिहासिक विकास, (3) हिन्दी प्रेमाख्यानकों का शिल्प, (4) सूफी काव्यों में प्रतीक-विधान और भारतीय प्रतीक-विद्या, (5) अपभ्रंश कथा- परिभाषा, व्याप्ति और वर्गीकरण (6) हिन्दी प्रेमाख्यानकों और अपभ्रंश कथाकाव्यों के शिल्प का तुलनात्मक अध्ययन, (7) उपसंहार । जैन, पारसमल अपभ्रंश जैन, प्रेमाख्यान काव्य आगरा, .........., अप्रकाशित जैन, राजाराम महाकवि रइधू के साहित्य का आलोचनात्मक अध्ययन बिहार, 1965, प्रकाशित नि०- डा० नथमल टांटिया बी- 5-40 सी, सैक्टर 34, धवलगिरि, नोएडा-201301 प्रका०- वैशाली प्रथम : 1974/28.75/17 + 824
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