________________
34
Bibliography of Prakrit and Jaina Research
32.
शर्मा, कनकलता (श्रीमती) गाथा सप्तशती और आर्यासप्तशती का तुलनात्मक अध्ययन लखनऊ, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० कृष्ण कुमार मिश्र
33.
Shashi Kumari, S. Srichinakavya : A Study with special reference to Prakrita Prakasha. Calicut, 1992, Unpublished. Sup.- Dr. P. Narayana Namboodiri Shymala,K.R. A study of Gaudavaho, Delhi, 1994, Unpublished.
34.
35. शशिभूषण
वसुदेव हिण्डी और वृहत्कथाश्लोकसंग्रह की गन्धर्वलता कथा का तुलनात्मक अध्ययन बिहार, 1986, अप्रकाशित
नि०- डा० देवनारायण शर्मा 36. शास्त्री, नेमिचन्द (स्व०)
हरिभद्र के प्राकृत कथा साहित्य का आलोचनात्मक अध्ययन भागलपुर, 1961, प्रकाशित नि०- डा० नथमल टांटिया प्रका०- वैशाली प्रथम : 1965/19.30/419 अ०- (1) प्राकृत कथा का साहित्य का उद्भव और विकास, (2) प्राकृत कथाओं के विविध रूप और उनका स्थापत्य, (3) हरिभद्र की प्राकृत कथाओं का आलोचनात्मक विश्लेषण, (4) कथास्रोत और कथानक, (5) हरिभद्र की प्राकृत कथाओं के संवादतत्त्व और शील स्थापत्य, (6) लोक कथातत्त्व और कथानक रूढियाँ, (7) भाषा-शैली और उद्देश्य, (8) हरिभद्र की प्राकृत कथाओं का काव्य-शास्त्रीय विश्लेषण, (७) हरिभद्र की प्राकृत कथाओं का सांस्कृतिक विश्लेषण । उपसंहार - हरिभद्र की प्राकृत कथा सम्बन्धी उपलब्धियाँ, त्रुटियाँ
और सीमायें। 37. शुक्ला, ज्योति (कु०)
मृच्छकटिक में कुलीन तथा अवर पात्रों की प्राकृत का तुलनात्मक अध्ययन लखनऊ, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० कृष्ण कुमार मिश्रा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org