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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध- सन्दर्भ
Poddar, Ram Prakash
An Aesthetics Analysis of Karpur Manjari
Bihar, 1978, Published
Pub. - Vaishali
First : 1974 / 10.50/10+218
Published with the name- An Introduction to Karpur Manjari Chap.- ( 1 ) Introductory (2) On Poetry (3) On love (4) Summing-up Text.
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Bhatta, K. Mahalinga
Subandhu's Vasavadatta and Nemichandra's Lilavati :
A Comparative Study
Chennai, 1982, Unpublished
यादव, झिनकू
समराइच्चकहा : एक सांस्कृतिक अध्ययन
वाराणसी, 1973, प्रकाशित
नि०- डा० लल्लन जी गोपाल
प्रका०- भारती प्रकाशन B 27/97 दुर्गा कुण्ड रोड़, वाराणसी-1
1997/150.00/356
अ०- (1) हरिभद्रसूरि का काल निर्धारण, जीवन वृत्तान्त तथा रचनायें, समराइच्चकहा की संक्षिप्त कथावस्तु ( 2 ) भौगोलिक उल्लेख, ( 3 ) शासन व्यवस्था, (4) सामाजिक स्थिति, (5) शिक्षा एवं कला, (6) आर्थिक दशा, (7) सांस्कृतिक जीवन (8) धार्मिक दशा ।
राय, राम जी
सेतुबन्ध का समीक्षात्मक अध्ययन
मगध, 1982, प्रकाशित
नि०- डा० सत्यनारायण चौधरी
संस्कृत प्राकृत विभाग, सहजानन्द महर्षि कॉलिज, आरा (बिहार)
प्रका० - वैशाली
प्रथम : 1987 / 57.00/ 16 + 150
अ०
- ( 1 ) महाकाव्य के स्वरूप एवं परम्परा में सेतुबन्ध महाकाव्य का मूल्य एवं महत्त्व निर्धारण, (2) प्रवरसेन का इतिवृत्त एवं व्यक्तित्व, (3) सेतुबन्ध की कथावस्तु, (4) पात्र विवेचन (5) रस मीमांसा (6) प्रकृति चित्रण, ( 7 ) भाषा-शैली, (8) सेतुबन्ध के सांस्कृतिक सन्दर्भ, (9) उपसंहार ।
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Vyas, Bhola Shankar
Prakrit Pengalam: A Text on Prakrit and Apabhransh Mettress Rajasthan, 1959, Published.
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(D.Litt.)
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