________________
182
Bibliography of Prakrit and Jaina Research
986. माथुर, एम० एम० स्वरूप
कुशललाभ और उनका साहित्य राजस्थान, 1974, प्रकाशित
987. Mishra, Trigunanand
Critical Study of Mahaprajna Maravijay and Madanandam Bihar, 1986,.
988. मुनिश्री, चन्द्रप्रभ सागर
महामहोपाध्याय समयसुन्दर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ....... ........... प्रकाशित नि०- डा० सागरमल जैन, वाराणसी श्रीजितयश्री फाउण्डेशन, 9-सी एस्प्लेनेड रो (ईस्ट), कोलकाता-69 प्रका०- श्री मनहर लाल प्रवीण चन्द भंसाली, केसरिया एण्ड कम्पनी 19, अगरतल्ला स्ट्रीट, कोलकाता-700001 प्रथम : 1986/40.00/497 अ०- (1) समयसुन्दर का जीवन-वृत्त, (2) समयसुन्दर की रचनायें, (3) समयसुन्दर की भाषा, (4) समयसुन्दर का वर्णन-कौशल, (5) समयसुन्दर की रचनाओं में
साहित्यिक तत्त्व, (6) समयसुन्दर का विचार पक्ष, (7) उपसंहार | 989. Ramaswamy,M.P.R.M.
A Critical study of Nakkiror and his works
Calicut, 1982, Unpublished. 990. रांवका, प्रेमचन्द
ब्रह्मजिनदास : व्यक्तित्व एवं कृतित्व राजस्थान, 1978, प्रकाशित नि०-- डा० नरेन्द्र भानावत, जयपुर 99, श्री जी नगर, दुर्गापुरा, जयपुर-302018 प्रका०- महावीर ग्रन्थ अकादमी, जयपुर प्रथम : 1980/40.00/24 + 426 अ०-- (1) समसामयिक परिस्थितियाँ, (2) जीवन-वृत्त और व्यक्तित्व (3) रचनायें, वर्गीकरण एवं सामान्य परिचय, (4) साहित्यिक अनुशीलन, (5) दार्शनिक
विचारधारा, (6) मूल्यांकन।। 991. वारडे, हेमलता वर्धे
वीरेन्द्र कुमार जैन का रचना संसार : अनुवाद और मूल्यांकन रायपुर, 1991, अप्रकाशित नि०- डा० डी० के० जैन
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org