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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 183 992. वैद, सुमेरमल आचार्य भिक्षु (भिखण जी) व्यक्तित्व और कृतित्व भागलपुर, 1981, अप्रकाशित 993. शर्मा, ईश्वरानन्द महाकवि जिनहर्ष : एक अनुशीलन राजस्थान, 1969, अप्रकाशित नि०- डा० कन्हैयालाल शर्मा हिन्दी विभाग, राजकीय महाविद्यालय, बीकानेर (राजस्थान) 994. शर्मा, सुधीर कुमार । कविवर वृन्द : व्यक्तित्व एवं कृतित्व दिल्ली, 1985, अप्रकाशित नि०- डा० महेन्द्र कुमार ब्लॉक ए, पॉकेट सी, फ्लैट नं० 47 डी०, शालीमार बाग, दिल्ली 995. शास्त्री, मूलचन्द कविवर बुधजन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व विक्रम, 1981, प्रकाशित नि०- डा० देवेन्द्र कुमार शास्त्री, नीमच (म०प्र०) प्रका०- श्री महावीर ग्रन्थ अकादमी, जयपुर प्रथम : 1986/50.00/23 + 218 अ०-- (1) पृष्ठभूमि, (2) जीवन-परिचय, (3) कृतियाँ, (4) कृतियों का भाषाविषयक, वस्तुपक्षीय विश्लेषण व प्रकृति-चित्रण, (5) भावपक्षीय विश्लेषण, (6) भाषा, ध्वनि, अर्थ, मुहावरे, अलंकार, छन्द, (7) तुलनात्मक अध्ययन। 996. श्रीजी, किरन्याशा(ShreeJiKiranyasha) श्री आत्मानन्द जी महाराज : व्यक्तित्व और कृत्तित्व बडौदा, 1997, अप्रकाशित 997. सकलानी, शैला (लघु प्रबन्ध) जैन साहित्यकार माणकचन्द नाहर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व गढ़वाल, 1980, अप्रकाशित नि०- डा० नरेन्द्र कुमार शर्मा, गढ़वाल 998. साध्वी, जसुबाई आनन्दघन : एक अध्ययन मुम्बई, 1994, अप्रकाशित नि०- डा० कलाबेन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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