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Bibliography of Prakrit and Jaina Research
(लघु प्रबन्ध)
563. जैन, प्रदीप कुमार
जैन दर्शन में अर्हत् का स्वरूप दिल्ली , ............ प्रकाशित, नि०- डा. मोहन चन्द्र, रामजस कालेज, दिल्ली
('जैन अर्हत्' नाम से प्रकाशित) 564. जैन, प्रदीप कुमार
भारतीय दर्शन में सर्वज्ञवाद : जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में दिल्ली, ............ प्रकाशित नि०- प्रो० वाचस्पति उपाध्याय जैन भवन 1 x 12892.गुरुदास गली, गांधीनगर दिल्ली-31 ‘भारतीय दर्शन में सर्वज्ञवाद' नाम से प्रकाशित
565. जैन, प्रद्युम्न कुमार
जैन एवं हिन्दू तर्कशास्त्र वाराणसी, 1957, अप्रकाशित
Jain, P. K. (प्रद्युम्न कुमार, आर्यपुर ) Mathaphysical synthesis, its nature and value as suggested by a study of the Philosophy of Kundakunda.
Agra, 1963, Unpublished. 567. जैन, प्रभा
स्वामी समन्तभद्र एवं उनका दार्शनिक अनुचिन्तन जबलपुर, 2000, प्रकाशित नि०- डा० जे० पी० शुक्ला धर्मविजय, स्टेट बैंक कालोनी, बलदेव बाग, साहू आटा चक्की के पास, जबलपुर (म०प्र०) प्रका०- लेखिका स्वयं प्रथम : ......./200.00/224 अ०- (1) भारतीय दर्शन का विकास आदि (2) स्वामी समन्तभद्र (3) कृतियाँ (4) कृतियों का दार्शनिक अवलोकन (5) समन्तभद्र की जैन दर्शन एवं भारतीय दर्शन को देन (6) स्वामी समन्तभद्र : एक समन्वयी दार्शनिक (7) उपसंहार |
568. जैन, प्रमिला
षट्खण्डांगम में गुणस्थान विवेचन जबलपुर, 1984, प्रकाशित नि०- डा० विमल प्रकाश जैन, जबलपुर
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