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[११. २१. १३
महापुराण घत्ता-जोयण सय सत्त अण्णु वि णवइ मुएवि धर ।
णहि जोइसवास ते णरलोयहु उवरिचर ॥२१॥
अद्धकविट्ठसरिससंठाणई संखारहियइं होति विमाणई । पंचवण्णरयणावलिखइयई बोहल्लत्ते पुणरवि रइयई। जोयणसइ खेत्तम्मि दहोत्तरि अयलइ माणुसलोयहु बाहिरि । अवरइं लंबियघंटायारे
थियइं असंखदीववित्थारें। बत्तीस जि लक्खई सोहम्मइ अट्ठावीसीसाणि सुरम्मइ । दुदहँ सणक्कुमारि माहिंदइ अट्ठलक्ख परिभमियसुरिंदइ । अस्थि विमाणहं उवणियसोक्खई . बंभि संबंमुत्तरि चउलक्खई। पण्णास जि लंत वि काविट्ठइ सहसइं होंति जिणाहिवसिटइ । सुक्कमहासुंकइ चालीस जि छह सयारसहसारहिं सहस जि । आणय पाणय आरण अच्चुय चउकप्पहिं सत्तसय संथुय । हेहिमगेवजइ एयारह
अवरु वि सउ सुरपवरागारहं । सत्तुत्तरु मज्झिमहि भणिज्जइ णवइ एक्कु उवरिमहि गणिज्जइ । णव जि णउत्तरि पंचागुत्तरि पंच विमाणई सोक्खणिरंतरि । चउरासीलक्खाई णिकेयह
संत्ताणउदीसहासई एयहं । एकीकयई ण लेक्खि विरुद्धई अण्णु वि तेवीसई'लइ लद्धई । घता-गेहहं तुंगत्तु बिहिं कप्पहिं कवडेण विणु।।
जोयणहं सयाइं उडुमाणइं वजरई जिणु ॥२२॥
२३ पंचसयाई बिहिं मि उवरिल्लहिं चउ अड्ढे जि बिहि ताहं पहिल्लहिं । उप्परि बिहिं चत्तारि सउद्धई घरइं वरइं णाणामणिणिद्धई। पण्णासयई तिण्णि बिहिं अक्खमि सयई तिण्णि पुणु बिहिं जि णिरिक्खमि । पुणु चउकप्पहं हम्मुच्छेहउ अड्ढाइजसयाई संरेहउ । पुणु दुइ दुई दियड्ढे पुणरवि सउ पुणु पण्णास समीरिउ उच्छउ । पुणु उद्धत्ते उवरि विमाणइं पंचवीसजोयणइं पहाणई। सव्वठ्ठहु चूलिय लंघेप्पिणु बारहजोयणाई जाएप्पिणु ।
तम्मि तिलोयहु सिहरि णिसण्णी पणयालीसलक्खवित्थिण्णी । २२. १. MBPT वाहालत्ते पर ण वि and gloss in T परेण न विरचितानि केनापि । २. MBP
जोयणसय । ३. K अवरें। ४. MBP दोदह सणकुमारि । ५. MBP सुबंभोत्तरि । ६. P कापिट्ठइ। ७. MBP सत्तसयइं। ८. MP सत्ताणवदि । ९. MBP लेक्खविरुद्धई। १०. P अण्णु वि पुणु तेबीसई
लद्धई। ११. K तेवीस जि लइ । १२. K वज्जरिइ। २३. १. MBP अद्ध । २. MBP पइल्लाह। ३. MBP सुरेहउ; सुरेहउ but corrects it to
सरेहउ । ४. MBP पुणु । ५. MBP दिवड्दु ।
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