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महापुराण
[११. २.१
होंति अरुह कुम्मुण्णयजोणिहिं केसव राम चक्कि सुहखोणिहिं । अवरहि जोणिहि रुहिरावत्तहि पायडजणवंयवंसावत्तहि । इंदियजुयल जियंति सहरिसई मई विण्णायउ बारहवरिसइं। तीइंदियहु मि राइविमीसई एक्कणवण्णास जि किर दिवसई। चउरिंदियहु आउ छम्मासिउ णिसुणहि पंचिंदियहु वि भासिउ । मच्छहु पुत्वकोडि उवट्ठी कम्मभूमिभूयरह मि दिट्ठी। वासह वायालीससहासई उरय जियंति जायजीयासई । पक्खिहिं ताई दुसत्तरि भणियई। पलिओवमई तिण्णि परिगणियइं। खेत्तावेक्खइ कहिं मि तिरिक्खहं। एहउ उत्तमाउ पंचक्खहं । मायाविय कुपत्तदाणेण वि एए होंति अट्टझाणेण वि। घत्ता-इय कहिय तिरिक्ख एवहिं माणव वज्जरमि ।
पण्णारह तीस णवइ छ भेय वि संभरमि ।।२।।
तिरियलोयमज्झत्थु सुहासिउ मणुउत्तरगिरिवलयविहूसिउ । जोयणाहं णरखेत्त रवण्णउ । पणयालोसलक्खवित्थिण्णउ । जंबूदीउ सव्वदीवेसरु
एक्कु लक्खु जोयणपरिवित्थरु । छावीसाइं पंच अहिययरई जोयणसयई विहियणरणयरइं। दाहिणभरहु तेत्थु वित्थारें ऐरावउ भणु तेणायोरें। . उत्तरदाहिणाहं वेयड्डहं
पण्णास जि पिहुलत्तु गुणड्डहं । पंचवीस उच्छेहु समासिउ एक्कु सहसु हिमवंतहु भासिउ । सहुं बावण्णहुँ वित्थरु साहिउ सउ तुंगतें सिहरि वि साहिउ । पंचुत्तरसएण सहुँ लक्खिय दोण्णि सहस हिमवइयहु अक्खिय । अवरहिरण्णवंतु तम्माणउ साहिउ दोहिं मि एक्कु पमाणउ । होइ महाहिमवहु रुंदत्तणु चउसहासअहियउ उद्धत्तणु । दोणि दहोत्तराई धुवु सिट्ठउ 'रुम्मिय गिरिदि वि तेत्तिउ दिठ्ठउ । घत्ता-खेत्तहुँ गुरु खेत्तु गिरि गरुयारउ गिरिवरहो।
मा भंति करेज वयणु ण चुक्कइ जिणवरहो ॥३॥
२. १. P°जणवइ । २. MBP एकुणं । ३. P°जीवासई । ४. M°ओवम्मई । ३. १. MBP तिरियलोउ । २. MBP एक्कलक्खु जोयणहं पवित्थरु । ३. MBP छन्वीसाई। ४. MBP
अइरावउ । ५. MB तेणुपयारें P तेण पयारें। ६. MB पयासिउ; T पसाहिउ । ७. MBहइमवयहु । ८. MBP अवरु । ९. MBP एक्क' । १०. MBP धुउ । ११. MBP रुम्मिहि दुविहु वि । १२. P खेत्तहु चउगुणु खेत्तु गिरि वि चउगुणु गिरिवरहो; T seems to have the same reading : खेत्तेत्यादि-क्षेत्राद्गुरुः गुणं (?) क्षेत्र गिरेगिरिश्चतुर्गुणः ।
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