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________________ २०८ महापुराण [९. २१.१ २१ हेला-मोत्तियदसणहसियसुरणाहचावलीलो। रयणपंसुविणिम्मिओ सहइ धूलिसालो ॥१॥ सुयपिच्छेच्छवि कहिं मि विरेहइ कत्थइ अंजणपुंजु व सोहइ। कत्थइ लोहिउँ संझाराउ व कत्थइ पंडुरु कुंदणिहाउ व । अब्भंतरि जगईउ पहाणउ ताउ होंति सोलह सोवाणउ । चउगोउरभूसियउ तिसालउ पसरियणाणामणियरजालउ। माणखंभ ताहुप्परि संगय सँधय संचामर सघंटा णं गय । चउहुं मि दिसहिं चयारि समुण्णय । दसणमेत्तेण जि हयजयमय । अरुहणाहपडिमापरिवारिय फणिदाणवमाणवजयकारिय । पुणु वावीउ सकमल ससलिलउ . खगमाणियउ णाई खगमहिलउ । तीररयणकरमंजरिदित्तउ चउपइयापरियम्मविचित्तउ । कुवलयधारिउ णं णिवसत्तिउ भमियरहंगउ णं रहगँत्तिउ । दिसधाइयपाणियकल्लोलउ पुणु खाइयउ रमियझसमालउ । घत्ता-पहसियसररुहएहिं वाउग्गर्यतिगिंछिहिं ॥ परिहउ णाई णियंति देवागमणु चलच्छिहिं ॥२१॥ २२ हेला-जेहिं महिउ रईए हसीहिं मत्तहंसो। सुरवहुकैरिणियाहिं सुरहत्थिहत्थफंसो॥१॥ पुणरवि अंतरि णवदुमवेल्लिउ कुसुमालउ णं वम्महभल्लिउ । पंत्तिहिं रत्तउ णं वरवेसउ फलणमियउ णं सुहिपरिहासउ । कंटइयउ णं पिययममिलियउ णञ्चंति व मारुयसंचलियउ । णं वरकइवायउ कोमलियउ लाडालावडं पासिउ ललियउ । वित्थरियउ अहिणवरससारउ णं कामुयमईउ सवियारउ । २१. १. P पंसुणिम्मिओ । २. MB °पिछ; P पुंछ । ३. MBP सोहइ । ४. B सवय । ५. MBK सचमर। ६. MBP वावियउ। ७. M णिवजुत्तिउ; B°जोत्तिउ। ८. M तिगिच्छिहि. B तिग्गिछिहिं; P तिगिंछहिं । .२२..१.. जाहि and gloss यासु खातिकासु । २. M हंसहि। ३. MBP करणियाहिं। ४. MBP पत्तहिं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002722
Book TitleMahapurana Part 1
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1979
Total Pages560
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size11 MB
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