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[२.१०.१९
महापुराण घत्ता-हुउ पच्छइ आयहं तेरहह बाहुद्धारियमुर्वणभरु ॥
जियलोयहो णाहि व णाहिपहु णरसंथुउ कुलयरु पवरु ॥१०॥
णहयलि जंत जणेण ण याणिये पहिलएण रविससि बक्खाणिय । अण्णु वि रुइरुक्खक्खइ दिई बिंदुयबिंदुएहिं उवरिटुइं। बीएण वि लोयहु भयरिट्ठई अहरत्तई णक्खत्तई सिट्ठइं। हूया जे मृग दारुण जइयहुं तइयएण ते साहिय तइयहुँ। सिंगि गक्खि दाढि वि परिहरिया सोम्म सुलक्खण णियडेइ धरिया। चोत्थैएण पुणु णउ उप्पेक्खिउ . लोउ मृगहिं खजंतउ रक्खिउ । ताडिय ते दढदंडपहारिहिं पंचमेण बहुबुद्धिपयारिहिं । वियलियफल तरु विरइयमेरइ अजव सुणिरोहिय णियकेरइ । पविरलदुमकालइ कुज्झता फललोहें कोहें जुझंता। छट्ठएण मणुणा अणुयंधे
वारिय णर कयसीमाचिंधे । घत्ता-कुलयरपवरेण वि संत्तमेण णियमइविहभाविउ ॥
पल्लाणिवि हयगयवरवसहभारारोहणु''दाविउ ॥११॥
१२
अट्रमेण चंगउ उवएसिउ
डिंभयदसणभउ णिण्णासिउ । णवमएण सुयमुहससि दरिसिउ तंजोइवि जणु हियवइ हरिसिउ । खणु जीवेप्पिणु मुउ सोमालहुं दह में केलि पयासिय बालहुं । एयारहमइ कुलयरि जायइ णंदणि माणववंदहु हूयइ। जीउ ण वज्जइ कइवयदिवसई बारहमइ हुइ बहुयई वरिसइं। णंदइ पय पयाइ संजुत्ती
तेरहमेण वियप्पिय वित्ती। विहियई सरिसमुहजलजाणई गयणलग्गगिरिवरसोवाणई। तक्कालइ जायई णिम्मग्गई कुसरि कुसायर कुकुहर दुग्गई। घत्ता-जाएं मणुणा चोहमइण णरसिसुणालइ खंडियइं॥
कसणब्भई थियई णहंगणइ चलसोदामणिसंडियई ॥१२॥
८. MBP °भुवणहरु । ९. MBP कुलयरपवरु । ११. १. M ण जाणिय । २. MBP मिग । ३. M सिंगि य णक्खि; B सिंगणक्खि । ४. MBP सोम ।
५. B णियडयधरिया। ६. P चऊथएण । ७. MBP मिगहिं। ८. MBP अणुबंधे । ९. P सत्तमइ । .... १०. MBP भावियउ। ११. MBP दावियउ । १२. १. P जोएप्पिणु हियवइ । २. P दहमई। ३. MBP माणवविंदहु । ४. M.BP जायएं । ५. MBP
चउदहमइण ।
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