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श्रावक की परिभाषा
श्रद्धालुतां श्राति शृणोति शासनम्, दानं वपेदाशु वृणोति दर्शनम् । करोति संयमं,
कृन्त त्यपुण्यानि
तं श्रावकं प्राहुरी विचक्षणाः ॥ 'श्रावक शब्द में तीन अक्षर हैं- 'श्री' 'व' तथा 'क' |
जो श्रद्धा-शील है, जो यथा शक्ति दान करता है, जो पाप का क्षय करता है, और जो संयम की साधना में संलग्न है - वस्तुतः वही सच्चा श्रावक है ।
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