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प्रतिक्रमण की परिभाषा स्वस्थानाद् यत् पर-स्थान,
प्रमादस्य वशाद् गतः। तत्रैव क्रमणं भूयः;
प्रतिक्रमणमुच्यते ॥ प्रमाद-वश शुद्धपरिणतिरूप आत्म-भाव से गिर कर (हट कर) अशुद्धपरिणतिरूप पर भाव को प्राप्त करने के बाद, फिर से आत्म-भाव को प्राप्त करना, प्रतिक्रमण है ।
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