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गुणस्थान आस्रव व्युच्छित्ति
6. प्रमत्त विस्त 2 [गुणस्थानक्त्]
7. अप्रमत्त विस्त
8. अपूर्वकरण 6 [गुणस्थानवत्
9. अनिवृत्ति
1 [नपुंसकवेद ]
करण भाग 1
19. अनिवृत्ति
करण भाग2
9. अनिवृत्ति
करण भाग3
9. अनिर्वृत्तिकरण भाग4
19. अनिवृत्तिकरण भाग
9. अनिवृत्तिकरण भाग6
10. सूक्ष्य
सम्पराय
संपत
1 [स्त्रीवेद]
1 [पुंवेद]
0
1 [संज्वलन क्रोध ]
1] [संज्वलनमान]
1 [संज्वलन माया]
1] [संज्वलन लोभ ]
11. उपशांत
मोह
12. क्षीण मोह 4 [गुणस्थानक्त्]
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0
आस्रव
[24] [गुणस्थानवत्]
22 [गुणस्थानवत्]
22 [ गुणस्थानवत्]
16 [गुणस्थानवत्]
15 [ गुणस्थानवत्
14 [गुणस्थानवत्
13 [गुणस्थानवत्]
12 [गुणस्थानवत्]
11 [गुणस्थानवत्
10 [गुणस्थानवत्
19 [गुणस्थानवत्]
9 [गुणस्थानवत्]
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आस्रव अभाव
आहारकद्विक और कार्मणकाययोग]
24 [अविरति 12, अप्रत्याख्यान आदि 8 कषाय, औदारिकमिश्र, वैक्रियिकद्विक [ और कार्मणकाययोग]
26 [उपर्युक्त 24 + 2 (आहारकद्विक)]
26 [उपर्युक्त ]
32 [उपर्युक्त 26 + हास्य
आदि 6 नोकषाय ]
| 33 [ उपर्युक्त 32 + नपुंसकवेद]
34 [ उपर्युक्त 33 + स्त्रीवेद]
35 [ उपर्युक्त 34 +
+ पुंवेद]
36 [ उपर्युक्त 35 + संज्वलन
क्रोध ]
37 [ उपर्युक्त 36 + संज्वलन
मान]
38 [उपर्युक्त 37 + संज्वलन
माया]
39 [उपर्युक्त 38 + संज्वलन
लोभ]
39 [उपर्युक्त 38 + संज्वलन | लोभ]
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