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ब्रह्महेमचंद्रविरचित
चउदहपुव्वाइं
वत्थुपरिसंखा ।
पणणवदी अहियसयं एक्विक्कम्मि य वत्थू वीसं वीसं च पाहुडा भणिया ||54||
195 वस्तु
वस्तुएकप्रतिपाहुड 20 पाहुडसंख्या 3900 पाहुड 1 प्रतिपाहुड जातप्रतिपाहुड 93600 प्रतिपाहुड 1 प्रतिअनुयोगाः 29 जात अनुयोगसंखा 2296900 अनुयोगपाहुडसंखा
अर्थ :चौदह पूर्वों की सर्व वस्तुओं का प्रमाण एक सौ पचानवें होता है। एक-एक वस्तु में बीस-बीस प्राभृत कहे गये हैं ।
विशेषार्थ इन चौदह पूर्वों की सर्व वस्तु मिलकर एक सौ पचानवे होती हैं और प्राभृतों का प्रमाण तीन हजार नौ सौ होता है ।
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चौदह पूर्व में वस्तुओं की संख्या क्रम से 10, 14, 8, 18, 12, 12, 16, 20, 30, 15, 10, 10, 10, 10 होती है। इन सब वस्तुओं का जोड़ 195 होता है ।
एक एक वस्तु में बीस बीस प्राभृत कहे गये हैं । पूर्वों में वस्तुएँ सम व विषम हैं, किन्तु प्राभृत सम हैं। पूर्वों के पृथक्-पृथक् प्राभृतों का योग
- 200, 280, 160, 360, 240, 240, 320, 400, 600, 300, 200, 200, 200, 2001 सब वस्तुओं का योग एक सौ पचानवैं होता है । सब प्राभृतों का योग (195 X 20 ) = तीन हजार नौ सौ मात्र होता है।
पणरससोलसपणपण्णतिकिदिसुण्णसत्ततयसत्ता । सुण्णं चदुचदुसगछहचदुचदुअडइगिसु अक्खरया ||55||
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