________________
दिवा
अहुणा
= दिन में - अब/अभी/इस समय
पहले/पूर्व में = शीघ्र
शीघ्र/तुरन्त
लहुं एक्कसरियं
झत्ति/झडत्ति
शीघ्र
चिरं
दीर्घ काल तक
सज्ज/सज्ज
पुवि/पुव्विं
शीघ्र = पूर्व में/पहले = कभी नहीं
कयावि न
पच्छा
बाद में
अणंतरं
= बाद में = सदा/नित्य
णिच्चं
वाक्य-प्रयोग
इस समय तुम घर पर ही ठहरो।
जब वह विद्यालय जावे, तब तुम उसको वे पुस्तकें दे देना।
(i) १. इयाणिं/इयाणि तुमं गिहे एव =
चिट्ठ। २. जइया सो विज्जालयं गच्छउ, =
तइया तुमं तस्स ताणि पोत्थआणि
देहि। ३. जाव तुमं घरं पत्तो तयाणि/ __-
तयाणिं अहं घरे न आसि। ४. तुमं काहे घरं गच्छिहिसि। ५. जं मेहा गज्जन्ति ता मोरा
णच्चन्ति।
जब तुम घर पहुँचे, उस समय मैं घर पर नहीं था। तुम कब घर पर जाओगे। जब मेघ गरजते हैं, तब मोर नाचते हैं।
(72)
प्राकृतव्याकरण : सन्धि-समास-कारक-तद्धित-स्त्रीप्रत्यय-अव्यय
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org