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संज्ञा
आणा (आज्ञा)
उपसर्ग क्रिया १३. आ आरुहइ
(ऊपर चढ़ता है) १४. अहि अहिगमइ
(अधि) (जानता है) १५. अहि अहिसिंचइ
(अभि) (अभिषेक करता है) १६. दु
दुगच्छइ (घृणा करता है)
विशेषण आराहिय (सेवित)
अहिट्ठिय (अधीन किया हुआ)
अहिट्ठाण (आश्रय)
अहिमाण (अभिमान)
अहितप्त (तपाया हुआ)
दुक्कम (पाप)
दुग्गम (जो कठिनाई से जाना जाता है)
१७. णि
णिक्खेविय (स्थापित)
णिअच्छइ (नियंत्रण करता है) पडिहाइ (मालूम होता है)
णिग्गुण (निर्गुण) पडिपह (विपरीत रास्ता)
१८. पडि
पडिबुद्ध (जागृत)
क्रियाविशेषण क्रिया में किसी प्रकार की विशेषता उत्पन्न करने वाले शब्द क्रिया-विशेषण होते हैं । क्रियाविशेषणों को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है। 1. स्थानवाचक क्रियाविशेषण अव्यय एत्थ/एत्थं
= यहाँ तत्थ
= वहाँ कत्थ
= कहाँ सव्वत्थ
= सब जगह में अण्णत्त ___ = दूसरी जगह में
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प्राकृतव्याकरण : सन्धि-समास-कारक -तद्धित-स्त्रीप्रत्यय-अव्यय
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