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(vii)
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9,11
मति
13. 3/151 भ्रमे राडो वा
{(भ्रमः) + (आडः) + (वा)}
भ्रमे: आड: वा
(भ्रमि) 5/1 (आड) 1/1 (वा)
राम
14. 3/152 लुगावी-क्त-भाव-कर्मसु
{(लुल)+(आवी)}
4
लुन् आवी
हरि
क्त
(लुक) (आवि) 1/2 (क्त) (भाव) (कर्म)7/3
भाव
लमसु
कर्मन्
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4.7.1.9.10
अत्
15. 3/153 अदेल्लुक्यादेरत आः
{(अत्) + (एत) + (लुकि) + (आदेः)+ (अतः) + (आ.)}
(अत्) (एत) (लुक) 7/1 (आदि)6/1 (अत्) 6/1 (आ)1/1
भूभृत्
हरि
भूभृत् गोपा
प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ
16. 3/154 मौ वा
हरि
(मि)7/1 (वा)
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