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मध्यमपुरुष हसिहिसि, हसेहिसि, हसिहिसे,
हसे हिसे, हसिस्सिसि, हसिस्सिसे
अन्यपुरुष
(देखें सूत्र - 3 / 166, 4/275) हसिस्ससि, हसेस्ससि, हसिस्ससे, हसेससे'
1.
हसिस्सिमु हसिस्सिम
(देखें सूत्र - 3 / 166-168,
4/275)
हसिहिह, हसेहिह, हसिहित्था, हसिस्सिह,
हसे हित्था,
हसिस्सिइत्था, हसिस्सिध
(देखें सूत्र - 3 / 166, 4/268,
4/275)
हसिस्सह,
हसेस्सह,
हसिस्सइत्था, हसेस्सइत्था,
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हसिस्सध, हसेस्सध' हसिहिन्ति, हसेहिन्ति, हसिहिन्ते,
हसिहिइ, हसे हिइ, हसिहिए, हसे हिए, हसिस्सिदि हसिस्सिदे ' (देखें सूत्र - 3 / 166, 4 / 273,
हसे हिन्ते, हसिहिइरे, हसेहिइरे हसिस्सिन्ति, हसिस्सिन्ते,
4/275)
हसिस्सिइरे
हसिस्सइ, हसेस्सइ, हसिस्सए, (देखें सूत्र - 3 / 166, 4/275) हसेस्सए '
हसिस्सन्ति,
हसेस्सन्ति,
हसिस्सन्ते,
हसेस्सन्ते,
हसिस्सइरे, हसेस्सइरे'
भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष एकवचन बहुवचन तथा अन्य पुरुष एकवचन, बहुवचन में 'रस' प्रत्यय भी क्रिया में जोड़ा जाता है। इस प्रत्यय को जोड़ने के बाद वर्तमानकाल के पुरुषवाचक प्रत्यय जोड़ दिये जाते हैं । पिशल, प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, पृष्ठ - 7581
1
प्रौढ प्राकृत--अपभ्रंश रचना सौरभ
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23.
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