________________
39. सझा (हो) भविष्यत्काल
40. निसा (हव) वर्तमानकाल
उदाहरण-- गंगा/गंग पसरइ/पसरेइ/पसरए ।
(ग-1) नीचे प्राकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाएं तथा कोष्ठक में दो क्रियाएँ दी गई हैं।
संज्ञानों में प्रथमा एकवचन का प्रयोग करते हुए निर्दिष्ट क्रियानों में से किसी एक में कहीं सम्बन्धक भूतकृदन्त (पूर्वकालिक क्रिया) के, कहीं हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में वर्तमानकाल के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइये । संज्ञा, क्रिया एवं कृदन्त-रूपों के सभी विकल्प लिखिये
1. सुया (बिह, लोट्ट) 3. कन्ना (चिराव, ऊतर) 5. माया (वम, उवसम) 7. ससा (खास, वम) 9. जाग्रा (उस्सस, थंभ)
2. नगन्दा (गडयड, रुव) 4. धूप्रा (लुंच, रुव) 6. कन्ना (उवसम, उवविस) 8. महिला (छिज्ज, कुद्द) 10. झुपडा (वस, हो)
उदाहरण
सुया/सुय बिहि/बिहिउ/बिहवि/बिहिवि/बिहेवि/बिहेविणु/बिहेप्पि/ बिहेप्पिणु लोट्टइ/लोट्टेइ/लोट्टए ।
(ग-2) नीचे प्राकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाएँ तथा कोष्ठक में दो क्रियाएँ दी गई हैं।
संज्ञानों में प्रथमा एकवचन का प्रयोग करते हुए निर्दिष्ट क्रियाओं में से किसी एक में कहीं सम्बन्धक भूतकृदन्त के, कहीं हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में विधि एवं प्राज्ञा के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइये । संज्ञा, क्रिया एवं कृदन्त-रूपों के सभी विकल्प लिखिए1. ससा (उवसम, उवविस) 2. सिक्खा (वड्ढ पसर) 3. जापा (चिट्ठ, लोट्ट)
4. महिला (उच्छह. चेट्ठ)
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ]
[ 63
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org