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उदाहरण -
रगण जगण गुल. रगण जगण गु.ल. SISI SI S1 Sis IS! si मे कणिटठ भाइ एक्कू, मंडलं तरम्मि थक्कु । 1 2 3 4 5 6 7 8 123 45 6 7 8 रगण जगण गुल. रगण जगण ग.ल SIS! SI SI SISISI SI वच्छ रेसु आउ अज्जु, जाणिऊण तुज्झ कज्जु ।। 1234 5 6 7 8 1 2 34 5 6 78
- जंबूसामिचरिउ 9.17 प्रथं-मेरा एक कनिष्ठ भाई जो तभी से देशान्तर में रहता था, वह अाज तेरा
विवाह कार्य जानकर (आया है)।
___ 18. चित्रपदा छंद लक्षण-- इसमें चार चरण होते हैं (चतुष्पदी)। प्रत्येक चरण में दो भगण
(।।) और दो गुरु (ss) होते हैं व आठ वर्ण होते हैं ।
उदाहरणभगण भगण गु.गु. मगण भगण गु.गु. ॥ ॥ 555
॥ 55 खेयरु हयउ कीरो, पव्वयमत्थय-धीरो । 123456 7 8 123456 7 8 भगण मगण गुगु, भगण मगण गु.गु. SIISI 155 SII SI SS भोयसएहिं णमग्गो, कंतहे णेहई लग्गो । 12345678 123 4 56 7 8
- करकडचरिउ83 1-2 अर्थ-वह खैबर एक पर्वत के मस्तक (शिखर) पर धर्यवान सुपा हुआ। वह
प्रकाश में उड़ता हुआ अपनी कान्ता के स्नेह में लगकर सैकड़ों भोगों सहित (सुख से रहता हुआ दीर्घकाल तक भोग भोगता रहा) ।
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[ अपभ्रंश अभ्यास सौरभ
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