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अभ्यास-43
(क) निम्नलिखित वाक्यों को अपभ्रंश में रचना कीजिए
1. हे पुत्र ! तुम सात व्यसन सुनो। 2. सादि एक जन्म में ही दुःख देते हैं । 3 विषय करोड़ों जन्मों में दुःख उत्पन्न करते हैं। 4 रुद्रदत्त दीर्घकाल तक नरक में पड़ा। 5. जो जुआ खेलता है वह माता बहिन, पत्नी और पुत्र को कष्ट देता है। 6 जो मद्य की इच्छा करता है वह बहुत बुराइयों में रमता है । 7 जो वीर होते हैं वे मृगों को नहीं मारते हैं। 8. शिकार का प्रेमी ब्रह्मदत्त नरक में गया । 9. चोर पकड़ा जाता है, बांधकर ले जाया जाता है, मुख्य मार्ग पर दण्डित किया जाता है। 10. वह मदिरा पीकर प्रिय मित्र को कष्ट पहुंचाता है । 11. अंगारक ने मरण प्राप्त किया । 12. तीर्थंकरों की माताएं ग्राज भी तीन लोक में प्रसिद्ध हैं। 13. विद्वान व्यक्ति शीलवान की प्रशंसा करता है । 14. निर्धन के चित्त से चिन्ता समाप्त नहीं होती। 15. धनवान से लोम नहीं जाता है।
उदाहरण -- हे पुत्र ! तुम सात व्यसन सुनो-पुत्त तुहं सत्त वसण णिसूणि ।
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नोट ... 1. इस अभ्यास-43 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश काव्य सौरभ' के पाठ 10
का अध्ययन कीजिए । 2. इस अभ्यास के संज्ञा शब्दों के लिंग शब्दकोश से ज्ञात कीजिए ।
अपभ्रंश अभ्यास सौरम ।
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