SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 171
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अभ्यास-42 क) निम्नलिखित वाक्यों को अपभ्रंश में रचना कीजिए 1. सभी के हाथ में लकड़ियां और तलवारें हैं। 2. वे हाथ में लकड़ी धारण करके चलते हैं। 3. रोकी गई भोगवती भी चल पड़ी। 4. उसके द्वारा दूर से देखा गया। 5. माता के द्वारा पुत्र रोका गया । 6. वह दूर से देखकर हांक देता है । 7. वे आते हुए देखे जाते हैं । 8. उनके द्वारा बछड़ों के समूह कहीं भी नहीं पाये गये । 10. मन में विचार करता हुमा वह भय से कांपता है। 11. वह पीछे देखने के लिए मुड़ता है । 12. मां पुत्र को घर आने के लिए बुलाती है । 13. वह बछड़ों की रक्षा के लिए वन में जाता है । 14. उसकी माता के द्वारा अत्यन्त दुःख से रात्रि व्यतीत की गई । 15. माता के साथ सभी उसको खोजने के लिए चले । 16. वहां उसके शरीर के हाथ और पर दसों दिशामों में पड़े हुए देखे गए । 17. हे पुत्र ! मैं अत्यन्त दुःख में हूँ। 18. तुम्हारे द्वारा मैं क्यों छोड़ी गई ? 19. वह हाथ और पैरों को इकट्ठा करके स्नेह से आलिंगन करती है। 20. जिनवचन मनुष्यों के लिए श्रेष्ठ और दयावान होते हैं । 21. वह संसार को अनित्य न जानता हुआ मोह में जकड़ा हुआ है। 22. वह संसार को मन में प्रनित्य जानता है। 23. वह जिनधर्म ग्रहण करता है । 24. जिनधर्म के द्वारा इच्छित सुख प्राप्त किए जाते हैं। 25 तुम्हारे द्वारा संसार के दुःख नष्ट किए जाने चाहिए । 26. उसके द्वारा इच्छित सभी सुख प्राप्त किए गए। 27. उसको देख कर माता के हृदय में हर्ष उत्पन्न हुआ। 28. तुम्हारे द्वारा जिनागम का स्मरण करके श्रद्धा की जानी चाहिए। 29. उसकी माता मोह छोड़ कर उत्तम ज्ञानवाली बनी । 30. उसने गुरु की वन्दना की। 31. उसने गुरु को तीन प्रदक्षिणा दी। 32. वह अपने दोषों की निन्दा करता है । 33. तुम्हारे द्वारा प्रशंसनीय देवपद प्राप्त किया जाए। 34. वह गुरु को साष्टांग प्रणाम करती है । 35. तुम मुनि को प्रणाम करो । गोट- इस अभ्यास-42 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश काव्य सौरभ' के पाठ 13 का अध्ययन कीजिए। .58 ] [ अपभ्रंश अभ्यास सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy