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क्रियाओं से बने हुए भूतकालिक कृदन्त (नियमित या अनियमित) कर्तृवाच्य और भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं। अनियमित भूतकालिक कृदन्तों का ज्ञान साहित्य में उपलब्ध उदाहरणों के आधार से किया जाना चाहिए । यहाँ अनियमित भूतकालिक कृदन्त के विभक्तिरहित प्रयोग संग्रहीत हैं
1. सकर्मक क्रियाओं से बने अनियमित भूतकालिक कृदन्तकृदन्त कर्मवाच्य में अर्थ
प्रयोग 1. दिट्ट
देखा गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 2. संपुण्ण
पूर्ण कर दिया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 3. खद्ध
खा लिया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनो में 4. दिण्ण दिया गया
तीनों लिंगों व दोनों वचनों में णिहिय
रक्खा गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 6. पवन्न
प्राप्त किया गया तीनों लिगों व दोनों वचनों में
डाल दिया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 8. दद
जलाया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 9. वृत्त
कहा मया
तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 10. दुम्मिय कष्ट पहुंचाया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 11. किन
किया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 12. लुन
काट दिया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 13. हय मारा गया
तीनों लिंगों व दोनों वचनों में 14. णीर
ले जाया गया तीनों लिंगों व दोनों वचनों में
2. गत्यार्थक अनियमित भूतकालिक कृदन्तकृदन्त कर्तृवाच्य प्रयोग
में अर्थ 1. गय/गन गया तीनों लिंगों व
दोनों वचनों में
कर्मवाच्य प्रयोग में अर्थ जाया गया तीनों लिंगों व
दोनों वचनों में
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ]
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