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गव छोड़े। 17. प्रभु तुम सब की रक्षा करेंगे। 18. रघु हम सबका उपकार करते हैं । 19 खलियान साफ करनेवाला गड्ढा खोदता है। 20. स्वयंभू राम को प्रणाम करता है। 21. पुत्र मधु खाता है। 22. पुत्र घुटने को स्पर्श करे । 23. तुम अांसुरों को रोको। 24. वह पदार्थों की खोज करेगा। 25. गाय जामुन के पेड़ को तोड़ती है। 26. बह सास की सेवा करेगी। 27. सेना प्राणियों की हिंसा करेगी। 28. बहिन रस्सी चुराती है। 29. पुत्र वस्त्र मैला करता है । 30. हाथी जल पीवेगा।
उदाहरणस्वामी भोजन जीमता है=सामि/सामी भोवण/भोयणा/भोयणु जेमइ/जेमेइ/
जेमए ।
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[ अपभ्रंश अभ्यास सौरभ
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