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________________ (क-3) निम्नलिखित प्राकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञानों के द्वितीया एकवचन व बहुवचन के रूप लिखिए1. माया 2. कमला 3. णम्मया 4. कहा 5. सरिया 6. गुहा 7. कन्ना 8. पसंसा 9. निसा 10. सीया 11. तण्हा 12. मेहा उदाहरण __ द्वितीया एकवचन माया माया/माय द्वितीया बहुवचन माया/माय/मायाउ/माय उ/मायाप्रो/मायो (क-4) निम्नलिखित पुरुषवाचक सर्वनामों के द्वितीया एकवचन व बहुवचन के रूप लिखिए1. अम्ह 2. तुम्ह 3. त (पु) 4. त (नपु.) 5 ता (स्त्री) उदाहरण - द्वितीया एकवचन अम्ह मई द्वितीया बहुवचन अम्हे/अम्हई (ख) निम्नलिखित वाक्यों को अपभ्रंश में रचना कीजिए । संज्ञा, सर्वनाम एवं क्रिया रूपों के सभी विकल्प लिखिये1. राजा परमेश्वर को प्रणाम करता है। 2. ऊँट घास चरता है । 3 पुत्र माता को प्रणाम करता है । 4. तुम मुझको पालते हो। 5. पिता पुत्र की रक्षा करे । 6. राजा राज्यों को जाने । 7. पुत्री शिक्षा को समझे । 8. तुम मेरी रक्षा करते हो। 9. दादा पोते को पालेगा । 10. नागरिक गीत सुनेगा। 11. माता पुत्री की रक्षा करेगी । 12. वह उसको पालेगी। 13. राम परमेश्वरों को प्रणाम करता है । 14. शासन राज्यों को पालता है। 15. बहिनें कथाएं सुनती हैं । 110 ] [ अपभ्रंश अभ्यास सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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