________________
37. बड़प्पन =वड्डतरण, नष्ट करना=खण्ड, समान-सम (वि.) 38. शंका करना=संक, पांच इन्द्रिय पंचिदिय 39. स्वप्न=सिविण, संपदा रिद्धि 40. निन्दा करना=दोच्छ, भिड़ना-भिड, दोनों वे वि 41. लाना=प्राण, डाला=चित्त 42. अयोध्या-प्रउज्झा 43. मुखवयण (पु. न.), दिखाना=दक्खव
36 ]
[ प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org