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पाठ 3
प्रकारवाची अव्यय
(1) 1. एम/एम्ब/इय
2 केम केवं 3. तेम/तिम 4. जेम/जिम
5 जिह
6. किह 7. जिह जिह..."तिह तिह
= इस प्रकार =किस प्रकार क्यों = उसी प्रकार वैसे =जिस प्रकार जैसे =जिस प्रकार =किस प्रकार =जितना अधिक ... ..."उतना ही
जैसे जैसे ...... वैसे वैसे = की मांति/जैसे -किसी प्रकार
(2) (3)
जिह कह वि
वाक्य प्रयोग
1. नरिदेण रयाणाई एम/एम्ब/इय देखिज्जन्ति ।
-राजा के द्वारा रत्न इस प्रकार देखे जाते हैं । 2. रक्खसा केम/केवं मारेव्वउं ।
-राक्षस किस प्रकार मारे जाने चाहिए/जाएंगे ? 3. मुणि किह झाइ।
-मुनि किस प्रकार ध्यान करता है ? 4. जेम/जिम तुहं मई भणसि, तेम/तिम हउं कज्जु करउं ।
-जिस प्रकार तुम मुझको बताते हो, उसी प्रकार मैं कार्य करता हूँ। 5. जिह हउं वय धार, तिह तुहं वय धारि ।
-जिस प्रकार मैं व्रत धारण करता हूँ, उसी प्रकार तुम व्रत धारण करो ।
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[ प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ
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