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सकती है। ग्रंथागार के भण्डार के आसपास सफाई रहनी चाहिए। धूम्रपान नहीं होना चाहिए। साथ ही हो सके तो आग बुझाने का यंत्र भी पास ही होना चाहिए ।
( 4 ) चूहा : ग्रंथ भण्डारगृह में चूहों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। चूहेदानी जगह-जगह लगाकर रखनी चाहिए । भण्डारगृह की नालियाँ, छेद, खिड़की, दरवाजों की जालियाँ आदि बंद होनी चाहिए। अन्यथा पुराना चूहा जायेगा तो नया आ जायेगा । खाने-पीने की कोई वस्तु नहीं रहनी चाहिए ।
कहने का अभिप्राय यह है कि पाण्डुलिपि को नष्ट होने से बचाने के लिए उसकी धूल, मिट्टी और नमी से सुरक्षा होनी चाहिए। कीड़े एवं चूहों से भी बचाना चाहिए। दीमक - काकरोच - बुकवर्म इन सभी से पाण्डुलिपि को सुरक्षित रखना आवश्यक है । इन शत्रुओं पर सदैव निगाह रखनी चाहिए ।
4. पाण्डुलिपि की उचित देखभाल
पाण्डुलिपि को शत्रुओं से बचाने के साथ उसकी उचित देखभाल भी रखरखाव के अन्तर्गत ही आती है । जिस प्रकार नवजात शिशु को सर्दी-गर्मी से बचाने के प्रयत्न किये जाते हैं उसी प्रकार एक पाण्डुलिपि की देखभाल भी करनी चाहिए । जब पाण्डुलिपियाँ कहीं से प्राप्त होती हैं तो उनमें से अनेक की दशा
पाण्डुलिपि का उचित रख-रखाव एवं भण्डारण ।
पाण्डुलिपि संरक्षण ( रख रखाव )
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