________________
- इसी प्रकार की समस्या तब भी आती है जब एक ही कवि के एकाधिक नाम मिलते हैं। जैसे - 'सूर सागर' के पदों में सूरदास, सूरश्याम, सूरज, सूरज स्वामी आदि कई नामों की छापें मिलती हैं । 'सूरसागर' के समस्त पद इनमें से किसी एक कवि के हैं या भिन्न-भिन्न कवियों के यह समस्या अभी तक अनसुलझी जैसी ही है। कभी-कभी राज्याश्रित कवि अपने आश्रयदाता का मान बढ़ाने के लिए रचनाकार की जगह आश्रयदाता का नाम दे देते हैं तब बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है कि रचनाकार कौन है? ' शृंगारमंजरी' के रचनाकार के लिए यही बात कही जा सकती है। उसके कवि चिन्तामणि हैं या उनके आश्रयदाता 'बड़े साहिब' अकबर साहि? इसी प्रकार अन्य समस्याओं पर भी विचार किया जा सकता है। हम उन्हें विस्तारभय से यहाँ प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं । अतः पाण्डुलिपिविज्ञान' के विद्यार्थी को ऐसी अनेक समस्याओं से जूझना होगा।
178
सामान्य पाण्डुलिपिविज्ञान
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org