SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 151
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 6. च > व चांदणो > बांदणो 7. ज > त। जाण्यो तेरो जत। नज, जाण्यो तेरो तत। ज न त 8. ण्य ) ण णा प य जाण्यो पण आण्यो नहीं -→ (जाना किन्तु लाया नहीं) जाणो पण आणो नहीं -→ (जानते हो किन्तु लाते नहीं) १. त > ट। त र तूटेगो > टूटेगो त 10. ध > घ। धण जों यां काई मिलै । (स्त्रियों को देखने से क्या मिलता है) घण जों यां काई मिलै। [अधिक (आतुरता) दिखाने से क्या मिलता है] 11. न , त। न न त नातो तेरै नाम रो। (तेरे नाम का नाता है) तातौ तेरै नाम रो। (तेरे नाम का प्रेमी हूँ) 12. प > म। प प म, पड़े पड़ ताल समंदा पारी। (समुद्रों के पार तक खबर होती है) मडै मड़ गाल समंदा पारी (सरोवरों, समुद्रों के पार तर लाशें ही लाशें हैं) 13. फ > क। फ फ प. फर फरड़ाटो आयो कर करड़ाटो आयो 14. य > म। जय कुंण जांणै। जम कुंण जांणै। प 134 सामान्य पाण्डुलिपिविज्ञान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002693
Book TitleSamanya Pandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirprasad Sharma
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2003
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy