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बंधवा विहडेइ संचिओ
(बंधव) 1/2 (विहड) व 3/1 अक (संचिअ) भूकृ 1/1 अनि (अत्थ) 1/1 (एक्क) 1/1 वि
अत्थो एक्कं नवरि
FEEEEE AL
= बन्धु = अलग होता है = संचित = अर्थ = एक = केवल = नहीं = अलग होता है = मनुष्य का
अव्यय
विहडइ
नरस्स
अव्यय (विहड) व 3/1 अक (नर) 6/1 [(पुव्व) क्रिविअ = पूर्व में-(क्कय) भूक 1/1 अनि] (कम्म) 1/1
पुव्वक्कयं
= पूर्व में, किया हुआ = कर्म
कम्म
31.
रायंगणम्मि
परिसंठियस्स
जह
[(राय)+(अंगणम्मि)]. [(राय)-(अंगण) 7/1] (परिसंठिय) भूकृ 6/1 अनि अव्यय (कुंजर) 6/1 (माहप्प) 1/1 [(विंझ)-(सिहर) 7/1]
कुंजरस्स
माहप्पं
विंझसिहरम्मि
= राजा के आँगन में = स्थित = जिस तरह = हाथी की = महिमा = विंद्य पर्वत के शिखर पर = नहीं = उसी तरह = स्थानों पर . = गुण = खिलते हैं
अव्यय
अव्यय
तहा . ठाणेसु . . . गुणा विसमुति
(ठाण) 7/2 (गुण) 1/2 (विसट्ट) व 3/1 अक
32.
ठाणं
(ठाण) 2/1
अव्यय (मुय) व 3/1 सक
= स्थान को = नहीं = छोड़ता है
मुय
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ भाग - 2
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