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________________ चाएण' (चाअ) 3/1 . त्याग के बिना विणा अव्यय अव्यय नरो (नर) 1/1 अव्यय पुणो वि लच्छीइ पम्मुक्को = मनुष्य फिर भी = लक्ष्मी के द्वारा = परित्यक्त (लच्छी ) 3/1 (पम्मुक्क) भूकृ 1/1 अनि 29. जीयं जलबिंदुसमं उप्पज्जइ जोव्वणं सह (जीय) 1/1 [(जल)-(बिंदु)-(सम) 1/1 वि] (उप्पज्ज) व 3/1 अक (जोव्वण) 1/1. = जीवन = जल-बिन्दु के समान = उत्पन्न होता है = यौवन अव्यय = साथ बुढ़ापे के जराए = दिवस दियहा दियहेहि (जरा) 3/1 (दियह) 1/2 (दियह) 3/2 (सम) 1/2 वि अव्यय (हु) व 3/2 अक समा = दिवसों के = समान = नहीं होते हैं = क्यों हंति ॥ अव्यय = निष्ठुर ॥ (निठुर) 1/1 वि (लोअ) 1/1 = मनुष्य ॥ निळुरो लोओ 30. विहडंति सुया (विहड) व 3/2 अक (सुय) 1/2 (विहड) व 3/2 अक = अलग होते हैं = पुत्र = अलग होते हैं विहडंति 1. 'बिना' के योग में तृतीया, द्वितीया या पंचमी विभक्ति होती है। 'सह', 'सम' के योग में तृतीया विभक्ति होती है। 2. प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ भाग-2 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.002692
Book TitlePrakrit Gadya Padya Saurabh Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2005
Total Pages192
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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