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मरणं
अगणितो
साहसं
कुदि
18.
सव्वो
वहिदबुद्धी
पुरिसो
अत्थे
हिदे
य
सव्वो
fa
सत्तिप्पहारविद्धो
व
होदि
हिययंमि
अदु
19.
अत्थम्मि
हिदे
• पुरिसो
उम्मत्तो
विगयचेयणो
होदि
दि
व
हक्कारकिदो
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( मरण) 2 / 1
( अगणि) वकृ 1 / 1
(साहस) 2 / 1
(कुण) व 3 / 1 सक
(सव्व) 1 / 1 स
[(उवहिद) वि- (बुद्धि) 1/1]
(पुरिस) 1/1
(अत्थ) 7/1
(हिद) 7/1 वि
अव्यय
(सव्व) 1 / 1 स
अव्यय
[( सत्ति) - ( प्पहार) - (विद्ध) 1 / 1 वि]
अव्यय
(हो) व 3/1 अक
(हियय) 7/1
[(31fa) fa- (gfea) 1/1 fa]
( अत्थ) 7/1
(हिद) 7/1 वि
( पुरिस) 1/1
(उम्मत्त) 1 / 1 वि
[ ( विगय) भूक अनि - (चेयण) 1 / 1 वि]
(हो) व 3 / 1 अंक
(मर) व 3 / 1 अक
अव्यय
[ ( हक्कार) - (किद) भूकृ 1 / 1 अनि ]
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ भाग - 2
= मृत्यु को
= न गिनता (मानता) हुआ
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=
= करता है
=
=
= माया से प्रछन्न बुद्धिवाले
व्यक्ति
= धन
= छिन जाने पर
= और
सभी
=
कोई भी घोर अपराध
= सब
= ही
=
=
शक्ति प्रहार से घायल
होता है (होते हैं)
=
की तरह
= हृदय में
= अत्यन्त दुःखी
= धन
= हरे जाने पर
: व्यक्ति
=
= पागल
=
: चेतनारहित
= हो जाता है
= मर जाता है
: और
= हाहाकार करता हुआ
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