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अव्यय
-
और
य कंडुयए
(कंडुय) व 3/1 सक
= खुजलाते हैं
खुजलाते थे = मुनि = शरीर को
(मुणि) 1/1 (गात) 2/1
= नहीं -
अव्यय (तिरिय) 2/1 (पेह) संकृ
अव्यय
तिरियं पेहाए अप्पं पिट्ठओ उप्पेहाए अप्पं
अव्यय (उप्पेह) संकृ
अव्यय (बुइअ) भूकृ 7/1 अनि
बुइए
= तिरछे = देखकर . = नहीं = पीछे की ओर ... = देखकर = नहीं = संबोधित किए गए होने
पर '- उत्तर देनेवाले = मार्ग को देखनेवाले = गमन करते हैं
गमन करते थे = सावधानी बरतते हुए
पडिभाणी पथपेही चरे
(पडिभाणि) 1/1 वि [(पथ)-(पेहि) 1/1 वि] (चर) व 3/1 सक
जतमाणे
(जत) वकृ 1/1
10.
आवेसण-सभा
पवासु
[(आवेसण)-(सभा)(पवा) 7/2] (पणियसाल) 7/2
= शून्य घरों में, . सभा भवनों में = दुकानों में = कभी
पणियसालासु
एगदा
अव्यय
(वास) 1/1
= रहना
अव्यय
= अथवा
वासो अदुवा पलियट्ठाणेसु पलालपुजेसु
(पलियट्ठाण) 7/2 [(पलाल)-(पुंज) 7/2]
= कर्म-स्थानों में = घास-समूह में
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प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ भाग - 2
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