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तियं मे अंतरिच्छं च उत्तमंगं च पीडई | इंदासणिसमा घोरा वेयणा परमदारुणा ॥
उवट्टिया मे आयरिया विज्जा-मंतचिगिच्छगा । अबीया सत्थकुसला मंत- मूलविसारया ॥
ते मे तिगिच्छं कुव्वंति चाउप्पायं जहाहियं । न य दुक्खा विमोयंति एसा मज्झ अणाहया ।।
पिया मे सव्वसारं पि देज्जाहि मम कारणा । न य दुक्खा विमोयंति एसा मज्झ अणाहया ।।
माया वि मे महाराय ! पुत्तसोगदुहऽट्टिया । न य दुक्खा विमोयंति एसा मज्झ अणाहया ।।
भायरो मे महाराय ! सगा जेट्ठ- कणिट्ठगा । न य दुक्खा विमोयंति एसा मज्झ अणाहया ।।
भइणीओ मे महाराय ! सगा जेट्ठ- कणिट्ठगा । न य दुक्खा विमोयंति एसा मज्झ अणाहया ॥
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प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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