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दोण्णि
जुज्झमाणे
दह्रण केसवो
दोनों वे (उन) लड़ते हुए देखकर केशव उनके मध्य में
ताणं मज्झे गंतूण
जाकर
मा
मत
जुज्झह
लड़ो
इस प्रकार
कहिऊण
कहकर
ठिओ
खड़ा रहा
तया
तब
(दो) 1/2 (त) 1/2 स (जुज्झ) वकृ 1/2 (द₹ण) संकृ अनि (केसव) 1/1 (त) 6/2 स (मज्झ ) 7/1 (गंतूण) संकृ अनि अव्यय (जुज्झ) विधि 2/2 अक अव्यय (कह) संकृ (ठिअ) भूकृ 1/1 अनि अव्यय (त) 1/1 स (पुरोहिअ) 1/1 (हे जामायर) 8/1 (अवसर) विधि 2/1 अक (अवसर) विधि 2/1 अक (कह) संकृ (त) 2/1 स (उवाहण) 3/1 (पहर) व 3/1 सक (पुत्त) 1/1
अव्यय (केसव) 8/1 [(दूरी)-(भव) विधि 2/1 अक] [(दूरी)-(भव) विधि 2/1 अक] अव्यय (कह) संकृ
वह पुरोहित हे दामाद!
पुरोहिओ हे जामायर अवसरसु अवसरसु कहिऊण
हटो
हटो
कहकर उसको जूते से पीटता है (पीटा)
उवाहणेण पहरेइ
पुत्तो
वि.
केसव दूरीभव दूरीभव
हे केशव! दूर हो दूर हो
इस प्रकार
कहिऊण
कहकर
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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