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________________ मुट्ठीए मुट्ठी से उस केसवं पहरेइ (मुट्ठी) 3/1 (त) 2/1 सवि (केसव) 2/1 (पहर) व 3/1 सक अव्यय [(पिउ)-(पुत्त) 1/2] (केसव) 2/1 (ताड) व 3/2 सक एवं केशव को पीटता है (पीटा) इस प्रकार पिता-पुत्र केशव को ताडते हैं (ताड़ा) पिउपुत्ता केसवं ताडिंति तओ अव्यय तब सो तेहिं धक्कामुक्केण ताडिज्जमाणो सिग्धं भग्गो वह उनके द्वारा धक्का-मुक्के से ताड़ा जाते हुए शीघ्र (त) 1/1 स (त) 3/2 स [(धक्का)-(मुक्क) 3/1] (ताड) कर्म वकृ 1/1 अव्यय (भग्ग) भूक 1/1 अनि अव्यय [(धक्का)-(मुक्क) 3/1] (केसव) 1/1 (त) 1/1 स [(अ)-(कह) संकृ] (गअ) भूकृ 1/1 अनि एवं भाग गया इस प्रकार धक्का-मुक्के से केशव धक्कामुक्केण केसवो सो वह बिना कहकर अकहिऊण गओ गया 7. उस दिन तद्दिणे पुरोहिओ निवसहाए विलंबेण पुरोहित राजसभा में देर से (तद्दिण) 7/1 (पुरोहिअ) 1/1 [(निव)-(सहा) 1/1] (विलंब) 3/1 (गअ) भूकृ 1/1 अनि (नरिंद) 1/1 (त) 2/1 स (पुच्छ) व 3/1 सक गओ गया नरिंदो राजा उसको पूछता है पुच्छइ 340 प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002691
Book TitlePrakrit Gadya Padya Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2009
Total Pages384
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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