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चामरधारो
य
हवइ
सत्तुंजो
लच्छीहरो
य
मन्ती
तुज्झऽन्नं
सुविहियं
किं वा
29.
जाव
इमो
आलावो
वट्टइ
तावं
रहेण
तूरन्ती
तं
चेव
समुद्दे
संपत्ता
केई
देवी
30.
ओयरिय
रहवराओ
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[ ( चामर) - (धार) 1 / 1 वि]
अव्यय
( हव) व 3 / 1 अक
(सत्तुंज) 1/1
( लच्छीहर) 1 / 1
अव्यय
(मन्ति) 1 / 1
[ ( तुज्झ ) - (अन्नं) 1 /1]
तुज्झ ( तुम्ह) 4 / 1 स अन्नं (अन्न) 1 / 1 स (सुविहिय) 1 / 1 वि
अव्यय
अव्यय
(इम) 1 / 1 सवि
( आलाव ) 1 / 1
( वट्ट) व 3 / 1 अक
अव्यय
(रह) 3 / 1
(तूर) वकृ 1 / 1
अव्यय
(ओयर) संकृ
( रहवर) 5/1
चामरधर ( चंवर धारण करनेवाला)
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और
होता है (होगा )
शत्रुघ्न
लक्ष्मण
पादपूर्ति
मन्त्री
आपके लिए अन्य
आचरणीय
बातचीत
हो रही है ( थी)
उसी समय
रथ से
शीघ्रता करती हुई
हेतुसूचक अव्यय
अव्यय
पादपूर्ति
[(सम) + (उद्देसं)][(सम) - ( उद्देस) 2 / 1 ] समान उद्देश्य को
( संपत्त ) भूकृ 1 / 1 अनि
प्राप्त हुई
(केगई) 1/1
कैकेयी
(देवी) 1/1
देवी
क्या
जबकि
ऐसी
नीचे उतरकर
रथ से
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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