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रोगाओ
विज्जा
रज्जाउ'
वरं
खमा
वरं
सुठु
वि
तवाओ'
36.
सीलं
वरं
कुलाओ
कुण
किं
होइ
विगयसीलेण
कमलाइ
कद्दमे
संभवंति
न
हु
हुति मलिणाई
netics
37.
जं
4.
1.
2.
3.
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
(रोग) 5/1
(विज्जा) 1 / 1
( रज्ज ) 5 / 1
अव्यय
(खमा ) 1 / 1
अव्यय
अव्यय
अव्यय
( तव ) 5 / 1
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(सील) 1 / 1
अव्यय
(कुल) 5/1
(कुल) 3 / 1
(किं) 1/1 सवि
(हो) व 3 / 1 अक
[ ( विगय) भूक अनि - (सील) 3 / 1 ]
(कमल) 1/2
(कद्दम) 7/1
(संभव) व 3 / 2 अक
अव्यय
अव्यय
(हु) व 3 / 2 अक (मलिण) 1/2 वि
अव्यय
रोग से
विद्या
राज्य से
श्रेष्ठतर
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क्षमा
श्रेष्ठतर
अच्छे
तथा
तप से
शील
श्रेष्ठतर
कुल से
कुल
के द्वारा
क्या
होता है
विनष्ट शील के ( होने ) पर
कमल
कीचड़ में
उत्पन्न होते हैं
नहीं
जिससे तुलना की जाती है उसमें पंचमी विभक्ति होती है।
कभी-कभी सप्तमी विभक्ति के स्थान पर तृतीया विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण, 3-137)
पिशल, प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, पृष्ठ 516
प्रश्न सूचक अव्यय
होते हैं
मलिन
ही
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